SVG इण्डिया न्यूज डेस्क
सोनभद्र। प्रदेश में सबसे ज्यादा वन क्षेत्र वाले जिले में जंगल तेजी से घट रहे हैं। पिछले चार वर्षों में कुल 137 वर्ग किमी वन क्षेत्र कम हुआ है। सबसे ज्यादा कमी सामान्य और खुले वन में आई है। वर्ष 2019 में सामान्य सघन वन का दायरा 967 वर्ग किमी था, जो भारतीय वन सर्वे की ताजा रिपोर्ट में घटकर 927 वर्ग किमी ही रह गया है। खुले वन में भी भारी गिरावट आई है। इसकी अपेक्षा झाड़ियों का दायरा बढ़ा है। वर्ष 2019 में 28 प्रतिशत झाड़ियां दर्ज की गई, जो अब बढ़कर 42 प्रतिशत तक पहुंच गई। राहत की बात यह है कि अत्यंत सघन वन में लगातार वृद्धि हो रही है। कुल 6905 वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैले सोनभद्र का दो तिहाई हिस्सा वन क्षेत्र है। यहां सोनभद्र, रेणुकूट और ओबरा के रूप में तीन वन प्रभाग स्थापित हैं। वनों की देखरेख का जिम्मा इन्हीं का है। इसके अलावा वन्य जीवों की देखभाल के लिए अलग से कैमूर वन्य जीव प्रभाग अलग से हैं। वन कर्मचारियों की बड़ी संख्या होने के बाद भी वन क्षेत्रफल में लगातार गिरावट आ रही है। यह स्थिति तब है, जबकि पिछले तीन सालों में करीब चार करोड़ नए पौधे रोपे गए हैं। सिर्फ वर्ष 2024 में ही अभियान लगाकर 1.55 लाख पौधे लगाए गए हैं। इससे पहले वर्ष 2023 में 1.39 लाख और वर्ष 2022 में भी तकरीबन 1.20 करोड़ पौधे रोपे गए थे। हर साल बड़ी संख्या में पौधरोपण के बाद भी वनों का घटता दायरा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहा है।
.