राजेश तिवारी की रिपोर्ट
सोनभद्र(कोन)। वन रेंज कोन के अंतर्गत बागेसोती, भालूकुदर सेक्सन में वन माफियाओं द्वारा क्षेत्र में कीमती पेड़ काटकर वन भूमि पर कब्जा करने का आरोप लगाया गया और कहा गया कि संबंधित विभाग कार्यवाही के नाम पर मूकदर्शक बना हुआ है। ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि बागेसोती के अंतर्राज्जीय सीमा उत्तर प्रदेश व झारखंड सीमा पर स्थित पाटगढ़ में झारखंड वासियों द्वारा उत्तर प्रदेश के वन सीमा के अन्तर्गत लगभग 700 मीटर अंदर आकर घर तक बना लिए हैं और वहीं बागेसोती बीट अन्तर्गत खोहिया के जंगल , बड़ाप के ललुआ खोह समेत झारखंड सीमा व भालुकूदर सेक्सन के धरनवा बॉर्डर पर अबैध रूप से वन भूमि पर भू माफियाओं द्वारा कब्जा किया जा चुका है, जिससे आजिज होकर स्थानीय लोगों द्वारा कई बार मुख्यमंत्री शिकायत पोर्टल सहित संबंधित विभाग के अधिकारियों को पूर्व में अवगत कराया जा चुका है फिर भी वन विभाग के आलाधिकारी मूकदर्शक बने हुए हैं और कागजी कोरम पूरा करने में मशगूल हैं। जिसका नतीजा हुआ कि बागेसोती बीट के अंतर्राजीय सीमा व खोहिईया जंगल, झारखंड बार्डर, बड़ाप के ललुआ खोह के साथ भालुकूदर् बीट के धरनवा सीमा समेत सम्पूर्ण वन रेंज में वन भूमि पर कब्जा करने का सिलसिला जारी है।
ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि सूत्रों की मानें तो वनकर्मी की मिलीभगत से सैकड़ों एकड़ वन भूमि पर कब्जा कर मकान तक बना लिए गए हैं। वहीं आज तड़के वरिष्ठ समाजसेवी जोखन प्रसाद की अगुवाई में दर्जनों लोगों ने अंतर्राजीय सीमा पर जोरदार प्रदर्शन करते हुए शासन प्रशासन से मांग किया है कि सर्वप्रथम दोनों राज्यों के वन विभाग की संयुक्त टीम आपस में समन्वय बनाकर शांतिपूर्वक सीमा विवाद को तत्काल हल करते हुए वन रेंज कोन के बागेसोती बीट, भालूकुदर् बीट सहित अन्य बीट में हुए वन भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया जाय। प्रदर्शन करने वालों में मुख्य रूप से मुरलीधर पाण्डेय, जोखन प्रसाद, अमरकेश यादव, क्षेत्र पंचायत सदस्य अयोध्या प्रसाद कनौजिया, उमेश प्रजापति, राकेश जायसवाल, बुद्धिनारायण खरवार, रजाक अंसारी, असलम, लालदेव पासवान, शंकर पासवान,नन्हकू राम, हरिलाल खरवार, संतोष कुमार, गुलाबचंद राम, रामबचन, रघुनाथ सिंह, महिपत् प्रजापति आदि दर्जनों ग्रामीण शामिल रहे। जिसके क्रम में वरिष्ठ समाजसेवी जोखन प्रसाद यादव व बिहारी प्रसाद ने आरोप लगाया कि विभाग का कोई भी जिम्मेदार अधिकारी क्षेत्र में न तो रहते हैं और न ही नियमित गस्त करते हैं बल्कि अन्यत्र निवास करते हैं और वहीं वन चौकी विरान पड़ा है । जिसका परिणाम है कि वन भूमि पर कब्जा करने वालों का हौसला बुलंद हैं विभाग के निष्कृयता के कारण क्षेत्र में वन रेंज के अन्तर्गत सम्पूर्ण बीट के वन भूमि पर अतिक्रमण व अंतर्राजीय सीमा पर कब्जा बदसूर् जारी है।
.